Free Download Chandramahal Ka Khajana Ved Prakash Kamboj Hindi Novel Pdf

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उसे कुछ ऐसा सा महसूस हो रहा था कि कोई आवाज सुनी थी उसने, जिसकी वजह से उसकी आंख खुल गई। लेकिन अब कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था, सिवाय पेड़ों के पत्तों के बीच से गुजरती हुई हवा की सरसराहट के ।वह आंखें खोले बैड पर चित लेटा पड़ा था। नींद न जाने कहां गायब हो चुकी थी और मन में एक अतींद्रिय से अहसास से भरी अजीब किस्म की बेचैनी और आशंका-सी घुमड़ने लगी थी । आसपास में निश्चित रूप से कहीं कोई गड़बड़ है I क्योंकि उसके चारों तरफ रात का सन्नाटा छाया हुआ था और रात का सन्नाटा आशंकाएं तो पैदा करता ही है।
धांय ।अचानक किसी पिस्तौल के फायर की गूंज सुनाई दी और वह एकदम उछल कर बैठा । उसका दिल अब तेजी के साथ धड़क रहा था और आंखें उस खिड़की की चौकोर आकृति की तरफ देख रही थीं, जो बाहर बाग की तरफ खुलती थी। क्योंकि फायर की आवाज उसी ओर से आती सुनाई दी थी ।उसका हाथ बैड-स्विच दबाने के लिए बढ़ा, लेकिन उसने तुरंत ही झटके के साथ उसे वापस खींच लिया। उसे फौरन ही इस बात का अहसास हो गया था कि रौशनी बाहर मंडराते खतरे को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। वह उठकर दबे पांव खिड़की की ओर बढ़ा। उसके चौकन्ने कान फायर की और भी आवाज सुनने का खतरा महसूस कर रहे थे। लेकिन फिलहाल उसे ऐसी कोई खतरनाक आवाज सुनाई दी।
उसने सावधानी के साथ खिड़की से बाहर झांक कर देखा। रात का अंधेरा चारों तरफ फैला हुआ था। फिर भी वह पेड़ों और झाड़ियों की आकृतियों के साथ उ पुराने कुएं को भी देख सकता था, जिसके ऊपर लकड़ी की छत बनी हुई थी।

Name: Chandramahal Ka Khajana
Format:   PDF
Language: Hindi
Pages: 353
Size: 41 MB

Novel Type: Thriller & Mystery, Jasoosi

Writer: Ved Prakash Kamboj

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