वेद प्रकाश कंबोज ने 1958 से लेखन शुरू किया और आज 83 वर्ष की अवस्था में भी लेखन जारी है। पहले उन्होंने जासूसी उपन्यास लिखे किंतु पिछले 5 वर्षों से उन्होंने अपने लेखन की धारा को मोड़ कर पौराणिक और…
वेद प्रकाश काम्बोज अपने दौर के सबसे लोकप्रिय हिंदी जासूसी उपन्यासों के लेखक रहे हैं जिन्होंने अनेक लोकप्रिय जासूसी उपन्यासों की रचना की। इन के पात्रों से प्रेरणा पाकर अन्य लेखकों ने भी उनके पात्र…
रघुनाथ ने विजय की ओर झपटना चाहा परन्तु विजय ने पीछे हटते हुए यह कहकर उसे रोक दिया-‘एक सुपरिन्टेन्डेन्ट को यह नदीदापन शोभा नहीं देता।’ ‘ऐसी की तैसी साले सुपरिन्टेन्डेन्ट की।’ रघुनाथ ने झल्लाकर कहा और…