तीसरे विश्वयुद्ध में दो सेनायें आमने-सामने हैं।
एक तरफ संसार की नंगी हो चुकी भौतिक आयाम की सभ्यता है, जिसके पास परमाणु बम है, हाइड्रोजन बम है, अंतरिक्ष तक को भेदने वाली मिसाइलें हैं, केमिकल हथियार…
जादूगर लेखक परशुराम शर्मा की कलम से निकली एक ऐसी खौफनाक कहानी जिसके तंत्र्पाश में आज भी पाठक फंसे है, सूरज पॉकेट बुक्स की नई पेशकश लेखक के बारे में .... परशुराम शर्मा- हिंदी जासूसी, अपराध तथा हॉरर…
जासूसों की खोज भी निराली होती है–एक तरफ आत्माओं का चक्कर दूसरी तरफ बर्फीली पहाड़ी में मोंगा घाटी का खोफनाक अड्डा–जहां एक वैज्ञानिक के जरिये जिंगारा इंसानों पर विचित्र आविष्कार करना चाहती है–आखिर…
इस कहानी की शुयआत एक प्रतिमा से होती है जिसने चुराने के लिये संसार के प्रसिद्ध चोर वीरानगढ़ पहुंचते हैं। तूफानी रात में संग्रहालय से प्रतिमा को चुराने का प्रयास जारी होता है मगर रहस्मय प्रतिमा को…
जौहर, रंजीत, रमन इत्यादि की तलाश जारी होती है, ओर फ्रेंटाशिया जो कि माया के मेकअप में थी ध्वस्त मोंगा घाटी में एक घायल इन्सान को पाप्त करती है, जो प्रोफेसर अमन होता है। अमन एक डायरी और माइक्रोफिल्म…
वह सड़क आखिरी सड़क कहलाती थी। वह सड़क विक्रमगढ़ तक जाती थी जिसके विषय में मशहूर था कि वह भूतहा गाँव था जहाँ जो भी गया ज़िंदा नहीं बच पाया। रास्ता भटकर जब वह फिल्म यूनिट वहाँ पहुँची तो उसे पता नहीं…
भगवान राम के स्पर्श से अहिल्या जीवित हो उठी थी और शिवशंकर के स्पर्श से जीवित हुई रूपकंवल । पार्वती ने जब रूपवन में उस सुन्दर प्रतिमा को देखा तो उनसे यह अन्याय सहा न गया कि भोले बाबा का कोई भक्त किसी…