कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में घटी कुछ अज्ञात और रहस्यमयी घटनाओं ने यश की स्मृतियों पर ऐसा प्रहार किया था कि वह अपनी समस्त उपलब्धियों को गंवाकर केवल एक नाम के पीछे पागल था- 'ब्रह्मराक्षस' अपने भाई की गुम…
यह शैल नाम के एक छात्र की कहानी है जो क्षितिज नाम के एक अन्य व्यक्ति की प्रशंसा करता था। लेकिन काफी रोमांच और रहस्य तब पैदा हुआ जब पता चला कि जिस दिन शैल का जन्म हुआ था उससे 21 साल पहले ही क्षितिज…
इक्कीस साल पहले क्षितिज सक्सेना नाम का रिसर्च स्कॉलर भविष्य देखने वाले क्लोन का निर्माण करने के लिए एक धूर्त जेनेटिक साइंटिस्ट शक्तिस्वरूप सिंघानिया की मदद लेता है, लेकिन एक रहस्यमयी घटना के तहत उसे…
अतुल शुक्ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से वाणिज्य स्नातक हैं। पूर्व में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिये पत्रकारिता करते हुए, आजकल बतौर फ्रीलांस जर्नलिस्ट काम करते हैं। सोशल मीडिया में अतुल…
पांच हजार साल पहले, पृथ्वी पर कृष्ण नामक एक जादुई व्यक्ति आया, जिसने मानव जाति की भलाई के लिए असंख्य चमत्कार किए। अगर नीला भगवान मर जाता तो मानवता अपने भाग्य से निराश थी, लेकिन उसे आश्वस्त किया गया…
प्रतीत होता है कि राष्ट्राध्यक्षों के यादृच्छिक चयन को अनाम हत्यारों द्वारा मक्खियों की तरह मार दिया जाता है जो कसाई की नैदानिक दक्षता के साथ काम करते हैं। सिवाय इसके कि वे अपने तरीकों का कोई…
अनुराग पाठक द्वारा नियोलिट प्रकाशन के तहत प्रकाशित वेल्थ फेल कड़ी मेहनत, समर्पण और सफलता की खोज की एक प्रेरणादायक कहानी है। यह उपन्यास बारहवीं कक्षा में फेल होने के बाद भी आईपीएस अधिकारी बने मनोज…
कंद वन में गिरा एक विशालकाय अंडा जिससे निकले शावक ने मचा दी पूरे जंगल में तबाही। वहीं दूसरी तरफ करू जनजाति की काई अपनी पढ़ाई खत्म करके वापस लौटी तो उसका सामना हुआ एक रहस्यमय शख्स रक्षपुत्र से। कौन था…
एक खूबसूरत नवयुवती की कार हादसे में मौत के कुछ समय बाद भानुप्रताप के छोटे बेटे ऋषभ की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. लाश परिवार को सौंप दी गई और उसका विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया गया. पर अगले ही दिन…
आपकी अदालत में हाजिर हूं अपना नया उपन्यास लेकर बड़ा गेम 2( ट्रिपल मर्डर )जो कि एक मर्डर मिस्ट्री है और बड़ा गेम सीरीज का दूसरा पार्ट है, हालांकि बड़ा गेम और बड़ा गेम 2 दोनों की कहानियां बिल्कुल अलग…
किशनपुर में बड़े शाह और छोटे शाह की इजाजत के बिना एक पत्ता भी नहीं खड़कता था। उनके आतंक के आगे सारे लोग अपने को बेसहारा महसूस करते थे और इसे अपनी नियति मान सब सहते रहते थे। लेकिन फिर एक दिन कुछ ऐसा…