Free Download Suhagan Bani Nagin Tiger Hindi Novel Pdf
“तू जारती है-कौन है इसकी मौत का कारण ? “हां बावा । “कौन है ?”
“इसका पति वही आया था अमरू सपेरे के पास- • अनरू ने मुझे पिटारे मे निकाला था—मैंने तभी देखा था उसे वही आदमी इस औरत का रूमाल लेकर आया था, जिसकी गंध पाकर मैंने इसे डस लिया ।” “हां ठीक कहती है तू -लेकिन वह अकेला ही षड्यंत्र- कारी नहीं है-और लोग भी हैं। पहचान लेगी तू उन्हें ?”
“हां बाबा- इसके एक-एक शत्रु को पहचान लूंगी मैं ओर उनका दंड भी निश्चित है।”,
“लेकिन नागिन एक बात का ध्यान रखना- दण्ड सिर्फ उन्हें ही देना है तुझे, जिनका दोष है। किसी निर्दोष का अहित हुआ तो मैं तुझे क्षमा नहीं करूंगा।”
“मैं इस आशा का पालन करूंगी बाबा !”
“त प्रवेश कर इस शरीर में बहुत सो चुकी है यह सुहन जगा दे इसे अपना प्रतिशोध लेने के लिए- सृष्टि का आदेश है। उस बाकी बचे जीवन में यही दायित्व पूरा करना है इस मुहागिन को तेरे सहयोग से -एक नागिन के सहयोग से।”
सुहागिन बनी नागिन
एक इच्छाधारी नागिन की कहानी, जिसे उसी शरीर में वॉम करना पड़ा, जिसे उसकर उसने मौत की नींद सुलाया था। वह मृत अबला – इच्छाधारी नागिन के रूप में जब वह अपनी दुनिया में जीवित होकर लौठी तो. हाहाकार मच गया। वे लोग थर-थर कांपने लगे, जिन्होंने उस अबला को दी की हवस की खातिर, एक खतरनाक साजिश के तहत मौत के आगोश में सुलाने का षड्यंत्र रचा था।
Name: Suhagan Bani Nagin
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 290
Size: 51.3 MB
Novel Type: Thriller & Suspense, Murder Mystery
Writer: Tiger