Free Download Ser Ko Sava Ser Tiger Hindi Novel Pdf
मिस्टर कुलकर्णी पांडे के मामले में मुझे तुम्हारी ये भी सलाह की जरूरत नहीं है क्या किया जा सकता है, और क्या नहीं ये देखना मेरा काम है- तुम मुझे ये बताओ कि मंजुला से तुम्हारा क्या संबंध है ?” “हम दोनों एक ही किश्ती के सवार हैं जनाब हम दोनों ही सुपारी किंग से टक्कर लेने की ख्वाइश रखते हैं।” नानसेंस?” कमिश्नर ने बुरा-सा मुंह बनाया। “आप कुछ भी कहिए जनाब, उस सुपारी किंग को तो ऐसी-तैसी में करके ही रहूंगा एक बार वह मेरे सामने. आ जाएं…।””बिल्ली के सरापे छींका नहीं टूटा करता बेवकूफ ?” तुम एक मामूली से आदमी उसका बिगाड़ ही क्या लोगे।” “इस दुनिया में कहीं-न-कहीं हर किसी का बाप हुआ करता है जनाये। ऊंट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं आ जाता, वह खुद को माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा समझा करता है। जिस चींटी को एक हाथी मद से चूर होकर हिकारत भरी नजर से देखता है, वहीं चींटी उसके कान में घुसकर उसकी जान भी ले सकती है। जंगल के राजा शेर की नजरों में चाहे एक इंसान की बिसात कुछ भी न हो, मगर जब वह किसी सर्कस के रिंग मास्टर के हत्थे चढ़ जाता है तो वही शेर किसी पालतू कुत्ते की तरह उसके सामने घुटने तक टेक देता है..।””तुपारी किंग भी इसी धरती का इंसान है जनाब-वह कोई आसमान से टपका हत्या नहीं है। सच तो यह है कि यह एक डरपोक चूस है जो हमेशा अपने बिल में ही दुबका रहता है और मैं उसे उसके बिल से बाहर निकालकर ही रहूंगा। अगर वह न निकला तो मैं वह बिल ही तोड़ डालूंगा।’
एक और सुपारी किंग था तो दूसरी ओर था एक मामूली सा सर्क हंसराज कुलकर्णी । कौन सेर था तो कौन सवा सेर, इन्हीं सब सवालों का पथकता दस्तावेज है प्रस्तुत उपन्यास ।
Name: Ser Ko Sava Ser
Format: PDF
Language: Hindi
Pages: 244
Size: 27.2 MB
Novel Type: Crime, Thriller & Suspense, Murder Mystery
Writer: Tiger